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Showing posts from November, 2018

खान-पान और गठिया (To Control Arthritis Improve Diet)

          खान-पान और गठिया (To Control Arthritis Improve Diet) गठिया रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, चलने-फिरने में भी तकलीफ होने लगती है तथा जोड़ों में बहुत दर्द होता है गठिया का मूल कारण:  गठिया का मूल कारण है शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का बढ़ जाना, जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। पीड़ित दर्द के कारण ज्यादा चल फिर नहीं सकता, यहां तक कि हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है। सबसे पहले इसका असर पैरों के अंगूठे में देखने को मिलता है। इस रोग की सबसे बड़ी पहचान ये है कि रात को जोड़ों का दर्द बढ़ता है और सुबह थकान महसूस होती है। गठिया में परहेज़ आवश्यक होता है  इसलिए आपको यह जानना जरुरी है क्या खाएं और क्या नहीं खाएं। गठिया में जड़ों वाली फ़ल सब्जियां काफी लाभप्रद होती हैं , गाजर, शकरकंद और अदरक अच्छा होता है। इनमें  प्यूरिन की मात्रा काफी कम होती है। गठिया से पीड़ित व्यक्तियों को ढेर सारा पानी पीनें और तरल पदार्थों का सेवन करने को कहा जाता है, लेकिन अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचें अगर आप अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक का

खान-पान और गठिया (To Control Arthritis Improve Diet)

          खान-पान और गठिया (To Control Arthritis Improve Diet) गठिया रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, चलने-फिरने में भी तकलीफ होने लगती है तथा जोड़ों में बहुत दर्द होता है गठिया का मूल कारण:  गठिया का मूल कारण है शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का बढ़ जाना, जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। पीड़ित दर्द के कारण ज्यादा चल फिर नहीं सकता, यहां तक कि हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है। सबसे पहले इसका असर पैरों के अंगूठे में देखने को मिलता है। इस रोग की सबसे बड़ी पहचान ये है कि रात को जोड़ों का दर्द बढ़ता है और सुबह थकान महसूस होती है। गठिया में परहेज़ आवश्यक होता है  इसलिए आपको यह जानना जरुरी है क्या खाएं और क्या नहीं खाएं। गठिया में जड़ों वाली फ़ल सब्जियां काफी लाभप्रद होती हैं , गाजर, शकरकंद और अदरक अच्छा होता है। इनमें  प्यूरिन की मात्रा काफी कम होती है। गठिया से पीड़ित व्यक्तियों को ढेर सारा पानी पीनें और तरल पदार्थों का सेवन करने को कहा जाता है, लेकिन अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचें अगर आप अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक का

अर्थराइटिस के दर्द की करनी है छुट्टी, तो 7 बातों का रखें ख्याल

अर्थराइटिस के दर्द की करनी है छुट्टी, तो 7 बातों का रखें ख्याल दर्द, अकड़न और जोड़ों में सूजन जैसी बीमारियां अर्थराइटिस के ही लक्षण हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से जोड़ों के दर्द और अकड़न से राहत मिलती है। साथ ही इससे मांसपेशियां मजबूत और लचीली भी होती हैं। इसके अलावा वजन कम करने में भी ये मददगार साबित होती है। एक्सरसाइज अर्थराइटिस के ट्रीटमेंट प्लान का ही एक हिस्सा है। इसके ट्रीटमेंट प्लान में रिलैक्सेशन, उचित आहार और मेडिटेशन शामिल है। मोशन एक्सरसाइज जोड़ों के मूवमेंट को सामान्य बनाए रखने के लिए मोशन की अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस तरह की एक्सरसाइज की मदद से शरीर में लचीलापन बना रहता है। आपको बता दें कि इन मोशन एक्सरसाइजों को नियमित रूप से किया जा सकता है, लेकिन कम से कम एक दिन छोड़ एक दिन इन्हें जरूर करना चाहिए। स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज  वहीं मसल्स की पावर बढ़ानी है तो स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। मजबूत मसल्स होने से ज्वॉइंट्स भी मजबूत रहते हैं। स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइजों को भी नियमित रूप से किया जा सकता है, या फिर एक दिन छोड़ एक दिन